The smart Trick of sidh kunjika That Nobody is Discussing



सां सीं सूं सप्तशती देव्या मन्त्रसिद्धिं कुरुष्व मे ॥ १३ ॥

श्री लक्ष्मी अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्रम्

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति दशमोऽध्यायः

ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे। ॐ ग्लौ हुं क्लीं जूं स:

हेल्थरिलेशनशिपट्रैवलफ़ूडपैरेंटिंगफैशनहोम टिप्स

श्री अन्नपूर्णा अष्टोत्तरशत नाम्स्तोत्रम्

श्री दुर्गा अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्

न कवचं नार्गला-स्तोत्रं, कीलकं न रहस्यकम्।

दकारादि श्री दुर्गा सहस्र नाम स्तोत्रम्

यस्तु कुंजिकया देविहीनां सप्तशतीं पठेत्।

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति सप्तमोऽध्यायः

देवी माहात्म्यं दुर्गा द्वात्रिंशन्नामावलि

On chanting generally speaking, Swamiji says, “The more we recite, the more we listen, here and the more we attune ourselves on the vibration of what's staying said, then the more We are going to inculcate that Angle. Our intention amplifies the attitude.”

इति श्रीरुद्रयामले गौरीतन्त्रे शिवपार्वतीसंवादे सिद्ध कुंजिका स्तोत्र

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *